पंचमुखी हनुमान कवच | Panchmukhi Hanuman Kavach संकट से बचानेवाला

पंचमुखी हनुमान कवच | Panchmukhi Hanuman Kavach – समस्त संकटों से रक्षा करनेवाला सिद्ध कवच.

पंचमुखी हनुमान कवच PanchMukhi Hanuman Kavach

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पंचमुखी हनुमान कवच हनुमान जी का एक महाशक्तिशाली कवच मन्त्र है. इस मन्त्र का जाप पंचमुखी हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. इस मन्त्र के नियमीत पाठ करने से हनुमान भक्त के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बन जाता है.
पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ सदा ही अत्यंत शुभ फलदायी होता है. पंचमुखी हनुमान कवच का जाप करने वाला साधक सदा हनुमान जी का अत्यंत प्रिय कृपापात्र बना रहता है. हनुमान जी की कृपा से हनुमान भक्त के ऊपर एक सुरक्षा का आवरण बन जाता है जो हनुमान भक्त को सभी तरह के संकटों से बचाता है.

पंचमुखी हनुमान कवच इमेज,पंचमुख हनुमान जी.
पंचमुख हनुमान जी

पंचमुखी हनुमान

पंचमुखी हनुमान जी की आराधना करने से सभी तरह के संकटों से साधक का बचाव होता है. पंचमुखी हनुमान की आराधना करने से साधक के सभी भय, रोग-दोष का नाश होता है. पंचमुखी हनुमान की आराधना हमेशा शुभ फलदायक होता है. पंचमुखी हनुमान की आराधना करने से साधक के जीवन के शुख-शांति का वास होता है.
पंचमुखी हनुमान जी का दर्शण मात्र ही अत्यंत शुभ होता है. मंगलवार के दिन पंचमुखी हनुमान जी का दर्शन और आराधना करना अत्यंत शुभ होता है. सनिवार को भी पंचमुखी हनुमान जी की दर्शन और आरधना करना शुभ फल प्रदायी होता है.
हनुमान जी को बुलाने वाला सिद्ध हनुमान शाबर मन्त्र

पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ कैसे करना चाहिये?

पंचमुखी हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए शुद्ध ह्रदय से उनकी आराधना करना चाहिए. पंचमुखी हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पंचमुखी हनुमान कवच एक सिद्ध और सरल उपाय है. पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करने से हनुमान जी अवस्य प्रसन्न होतें हैं.
पंचमुखी हनुमान कवच के जाप से साधक सदा हर प्रकार के संकटों से बचा रहता है. अगर कभी कोई संकट आता है तो भी साधक उससे बिना घबराए उस संकट का सामना करने में सक्षम होता है.
  • पंचमुखी हनुमान कवच के जाप के लिए मंगलवार का दिन अत्यंत शुभ होता है.
  • पंचमुखी हनुमान कवच का जाप सनिवार को भी किया जा सकता है.
  • पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ अगर लगातार 21 दिनों तक रोजाना 7 बार किया जाए तो यह अत्यंत शुभ फल दायक होता है.
  • पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करने से पूर्व स्नान कर के खुद को पवित्र कर लें.
  • गंगाजल से खुद को और सभी सामग्री को पवित्र कर लें.
  • पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करने से पूर्व पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर को किसी लाल आसन पर स्थापित करें.
  • पंचमुखी हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं. हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है.
  • धुप-दीप से पंचमुखी हनुमान जी की आराधना करें.
  • लाल पुष्प चढ़ाएं.
  • नैवेद्द अर्पित करें.
  • उसके बाद पंचमुखी हनुमान कवच का अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें.
  • पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करने के पश्चात् हनुमान जी को प्रणाम करते हुए अपनी गलतियों के ली क्षमा मांगे.
  • उसके पश्चात् हनुमान जी से अपने लिए आशीर्वाद और कृपा प्राप्ति के लिए निवेदन करें.

पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ से क्या लाभ होता है?

पंचमुखी हनुमान कवच एक सिद्ध और सरल हनुमान कवच मन्त्र है. पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से साधक पर सभी समय हनुमान जी का एक सुरक्षा कवच रक्षा करता रहता है. पंचमुखी हनुमान कवच के सम्पूर्ण लाभ प्राप्ति के लिय हनुमान जी पर अत्यंत श्रद्धा और बिस्वास बनाये रखना होता है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच हनुमान जी की कृपा प्राप्ति का एक सिद्ध कवच मन्त्र है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्त के चारों ओर एक सुरक्षित आवरण का निर्माण करतें है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से हनुमान भक्त सदा संकटो से बचा रहता है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से हनुमान भक्त के अन्दर आत्मबिस्वास की बृद्धि होती है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से साधक के मन से सभी तरह के भय का नाश होता है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों से साधक का बचाव होता है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से साधक के समस्त रोग और शोक का नाश होता है.
    • पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से साधक के जीवन में शुख और शान्ति रहतीं है.

पंचमुखी हनुमान कवच के पाठ से अवस्य लाभ की प्राप्ति होती है. हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए पंचमुखी हनुमान कवच का नियमानुसार और पुरे श्रद्धा के साथ पाठ करना चाहिए. हो सके तो किसी पंडित से संपर्क करना चाहिए ताकि शुद्ध उच्चारण हो सके.

पंचमुखी हनुमान कवच इमेज, पंचमुखी हनुमान
पंचमुखी हनुमान

पंचमुखी हनुमान कवचम Panchmukhi Hanuman Kavach Mantra

Panchmukhi Hanuman Kavach
Panchmukhi Hanuman Kavach
श्री गणेशाय नम: |

ओम अस्य श्री पंचमुख हनुम्त्कवच मंत्रस्य ब्रह्मा रूषि:|

गायत्रीछंद्: |
 
पंचमुख विराट हनुमान देवता| र्‍हीं बीजम्|
श्रीं शक्ति:| क्रौ कीलकम्| क्रूं कवचम्|
क्रै अस्त्राय फ़ट्| इति दिग्बंध्:|
श्री गरूड उवाच्||
 
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि|
श्रुणु सर्वांगसुंदर। यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्।।१।।
पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्।बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्।।२।।
पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्। दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्।।३।।
अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्। अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्।।४।।
पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्।सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्।।५।।
उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्।पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्।ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्। येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्।।७।।
जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्।ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्।।८।।
खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्। मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं।।९।।
भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्। एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्।।१०।।
प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्। दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्।।११।।
पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्। पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि।।१२।।
मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्। शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर।।१३।।
ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले। यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता।।१४।।
ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाहा।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा।
 
||ओमश्री पंचमुख हनुमंतायआंजनेयायनमोनम: ||
हनुमान चालीसा हिंदी में डाउनलोड फैसिलिटी के साथ

पंचमुखी हनुमान कवच पीडीऍफ़ डाउनलोड

पंचमुखी हनुमान कवच को डाउनलोड करने के लिए आप निचे लिंक को दबायें. इस लिंक को दबाने से आप सीधे अपने डिवाइस में पंचमुखी हनुमान कवच पीडीऍफ़ डाउनलोड कर लेंगे.

पंचमुखी हनुमान कवच कैसे धारण करें?

पंचमुखी हनुमान कवच को आप लॉकेट या ताबीज की तरह अपने गले में धारण कर सकतें हैं. पंचमुखी हनुमान कवच को आप दाहिने बांह में भी धारण कर सकतें हैं.
पंचमुखी हनुमान कवच को धारण करने से हनुमान जी की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी और आप सभी संकतो से बचे रहेंगे.
पंचमुखी हनुमान कवच धारण करना वाला हनुमान भक्त हनुमान जी की कृपा प्राप्ति कर लेता है, जिसके कारण हनुमान जी सदा उसकी रक्षा करतें है. इस कवच को धारण करने से आत्मबिस्वास में बृद्धि होती है.

4 Comments

  1. नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया।
    यहां स्वाया नही स्वाहा है।

    1. आपके सुझाव के लिए धन्यवाद. यह एक टाइपिंग की त्रुटी थी. हमने इसे ठीक कर दिया है. जय श्री हनुमान.

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